दिल्ली में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का पर्दाफ़ाश, बेच चुके दो हजार से ज्यादा डोज

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नई दिल्ली: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते हो रही दवाइयों की कमी के बीच कालाबाजारी और नक्सली दवाइयां बेचने का सिलसिला बहुत तेजी से चल रहा है। हाल ही में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली रेमडेसिविर की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। इस फैक्ट्री से पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए है।

क्राइम ब्रांच के मुताबिक ये गैंग अब तक 2000 से ज्यादा नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन जरूरतमंद लोगों को बेच चुका है। एक रेमडेसिवीर इंजेक्शन 25 हज़ार से 40 हज़ार में बेचा जा रहा था। क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी पर काम कर रही थी क्योंकि दिल्ली में लगातार जानकारी मिल रही थी कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है।

दरअसल, क्राइम ब्रांच ने 23 अप्रैल तारीख को कालाबाजारी करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया था। जब इन दोनों से पूछताछ की गई तो इन्होंने बताया कि एक पुष्कर नाम से शख्स से इन्होंने रेमडेसिवीर इंजेक्शन लिया था अब पुलिस की टीम पुष्कर की तलाश में लग गई। 25 अप्रैल को क्राइम ब्रांच की टीम ने अलग-अलग इलाको में छापेमारी कर पुष्कर और उसके एक साथी मनीष गोयल को गिरफ्तार कर लिया।

जब क्राइम ब्रांच की टीम ने पुष्कर और मनीष से पूछताछ की तो उन दोनों ने बताया कि उनको ये इंजेक्शन दिल्ली की रहने वाली एक साधना शर्मा ने सप्लाई करती थी। अब क्राइम ब्रांच को ये समझते देर नहीं लगी कि इस नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन के पीछे एक लंबी चेन है। पुलिस की टीम ने दिल्ली में जाल बिछाकर 26 अप्रैल को साधना शर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया। साधना शर्मा ने खुलासा किया कि उसे वतन सैनी नाम का हरिद्वार का रहने वाला एक शख्स रेमडेसिवीर दे रहा था।

पुलिस ने 27 अप्रैल को वतन सैनी को भी गिरफ्तार कर लिया। अब जब वतन से पूछताछ की गई तो इस नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन का मास्टरमाइंड सामने आया उसका नाम आदित्य गौतम था। पुलिस को पता चला कि आदित्य गौतम की दवाई फैक्ट्री कोटद्वार में है और वहीं पर नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन की खेप तैयार की जा रही थी। पुलिस ने आदित्य गौतम को भी गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद सामने आई इस पूरे रैकेट की कहानी।

जांच में क्राइम ब्रांच को पता चला कि आदित्य गौतम ने बी फार्म का कोर्स किया था साथ ही साथ MBA भी किया था। पिछले कई साल से उसकी दवाई की फैक्ट्री कोटद्वार में चल रही थी, लेकिन जैसे ही पूरे देश में इस इंजेक्शन की मांग बढ़ी तब आदित्य गौतम ने अपनी फैक्ट्री में नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बनाने का प्लान कर लिया। पूछताछ में आदित्य गौतम ने बताया कि उसने नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बनाने से पहले रेमडेसिवीर के कुछ इंजेक्शन अलग-अलग फार्मा कंपनी से खरीदें और उसे देखकर नकली दवाई तैयार की।

क्राइम ब्रांच की टीम ने आदित्य गौतम की फैक्ट्री से 198 नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन, 3000 खाली शीशी, पैकिंग का मैटीरियल और कम्प्यूटर बरामद किया है। इसके अलावा वो मशीन सील की है जिससे ये नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन तैयार किया जा रहा था। पूछताछ में सामने आया है कि ये गैंग अबतक 2000 से ज्यादा नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन लोगों को बेच चुका है. जिसे 25 हज़ार से 40 हज़ार तक में बेचा जाता था।

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