इंदौर में 20 लाख के लिए दिल्ली के व्यवसायी का अपहरण, पुलिस ने कराया मुक्त

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इंदौर: इंदौर में फिल्मी स्टाइल में एक कारोबारी के अपहरण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ट्रांसपोर्ट कारोबारी सिकंदर सचदेवा के अपहरण के मामले को इंदौर पुलिस ने सुलझा लिया है। साथ ही व्यवसायी को भी आरोपियों के चंगुल से मुक्त करा लिया है।मामले में क्राइम ब्रांच और बाणगंगा पुलिस ने मनावर से सखाराम उर्फ सुखराम के साथ तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी सुखराम भाजपा की वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रंजना बघेल के पति पूर्व विधायक मुकाम सिंह किराड़े का खासम खास है। इस मामले में शंका की सुई किराड़े पर भी है।

दरअसल मामला शराब व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। करीब 20 लाख रुपये के लेनदेन की वजह से इस अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया था। कारोबारी सचदेवा शराब व्यवसाय से भी जुड़ा हुआ था और सखाराम के भाई मुकाम से उसका करीब 20 लाख रुपये का लेनदेन था। लंबे समय से इसी कारण से दोनो में विवाद चल रहा था। जब सचदेवा इंदौर आया तो और सखाराम को यह जानकारी मिली तो उसने योजनाबद्ध तरीके से बाणगंगा थाना क्षेत्र के दीपमाला ढाबे से सचदेवा का अपहरण कर लिया।

मामले में सचदेवा के दोस्त ने अपहरण की शिकायत दर्ज करवाई थी।व ही सचदेवा के बेटे ने भी बायो डीज़ल के मामले में पिता के इंदौर आने की बात कही थी। शराब व्यवसाय से जुड़ा होने की बात सचदेवा के बेटे चेतन ने पुलिस से छुपाकर रखी।पुलिस ने जब अपने स्तर पर जांच की तो पता चला चेतन शराब तस्करी के आरोप में पहले भी डेढ़ साल तक जेल में रह चुका है। जिसके बाद पुलिस ने शराब कारोबार से इस मामले को लिंक किया।

पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला सचदेवा को धार पासिंग सफेद रंग की स्कॉर्पियो से अगवा किया गया है। जिसके बाद पुलिस ने घाटा बिल्लौद, सोनवाय, मानपुर टोल नाका के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिसमें कार शाम के समय घाटा बिल्लौद टोल नाका से गुजरती हुई दिखाई दी। इसके बाद देर रात क्राइम ब्रांच ने आलीराजपुर, मनावर में छापे मार कार्रवाही शुरू की और आरोपियों और सचदेवा को बरामद किया।

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