जयपुर: राजस्थान के जयपुर में एक CA ने चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली है। शनिवार सुबह उनका शव अपार्टमेंट के पीछे पड़ा मिला। पुलिस को मृतक के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने मरने का कारण बताया है। सुसाइड नोट में उसने एक व्यक्ति पर झूठा केस लगाने के आरोप लगाए है, जिससे उसका परिवार परेशान है। आत्महत्या करते समय उसने शराब पी रखी थी।
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रक्षित खण्डेलवाल ने शनिवार सुबह चौथी मजिल की बालकनी से कूदकर जान दे दी। रक्षित अपने माता-पिता और भाई के साटन रहता था। कोरोना काल में घाटा होने पर पिता रमाकांत का कपड़ा शोरूम बंद हो गया, जिसके बाद रक्षित ही परिवार चला रहा था। शनिवार सुबह जब उसके पिता कमरे में पहुंचे तो रक्षित वहां नहीं था। बालकनी का जाल भी कटा हुआ था। वहां से झांककर देखा तो रक्षित का शव नीचे पड़ा हुआ था।
सुसाइड नोट में उसने लिखा-
‘सबसे पहले मैं माफी मांगना चाहता हूं। क्योंकि मैने शराब पी है। मैं नहीं पीता, लेकिन पीता नहीं तो मरने की हिम्मत नहीं आती। उसके लिए सॉरी…फॉरमैलिटी के लिए बता दूं कि मरना बहुत जरूरी था। नहीं तो मैं नहीं मरता, लेकिन रीजन ही कुछ ऐसा हो गया। लाइफ में मुझे ये कदम उठाना पड़ा। मुझे पता है कि ये सही नहीं है। लेकिन मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं है।
सबसे पहले रीजन देता हूं। फिर आगे का सेग्मेंट मैसेज के लिए। इस दुनिया में शक्तिशाली लोग हम जैसे मिडिल क्लास लोगों को दबाते हैं। भीम सिंह नाम के व्यक्ति ने मेरे परिवार पर झूठे 420 के केस लगाए। जयपुर और भरतपुर में केस कर दिए। जिसके चक्कर में हमारा परिवार इतना परेशान है कि देख नहीं सकता। मेरी मां के खिलाफ तक केस कर दिया। उसका साथ भरतपुर के डेप्यूटी सतीश वर्मा ने पूरा दिया। आए दिन ये लोग हमें परेशान करते हैं। टीम भेजते हैं। हम लोग कोई क्रिमिनल नहीं हैं। मेरी मां के खिलाफ कार्रवाई की। हमने किसी को कुछ नहीं कहा। फिर भी इन लोगों ने एससी एसटी का फर्जी केस कर दिया। भरतपुर के सेवर थाने में केस कर दिया। मैं तो अब हूं नहीं अब प्लीज मेरे पर परिवार को बचाए।
दूसरा रीजन- पैसों की तंगी और लोन
बहुत लोगों को मैं सॉरी बोलना चाहता हूं। लेकिन मेरी बात कोई क्यों नहीं मानता। मेरे पास पैसा नहीं है। वो बहुत पहले ही चले गए। कोई ये बात समझता ही नहीं। लॉस हो गया। प्लीज मेरे जाने के बाद मेरे परिवार को परेशान मत करना।
आखिरी कारण
मैं एक सीधा-साधा लड़का था। जिसकी एक नॉर्मल लाइफ थी। लेकिन बेहतर बनने के चक्कर में मेरी पूरी लाइफ खराब हो गई। हमारे परिवार की इज्जत, पैसा सब खत्म हो गया। आज मेरे लिए सभी बुरा भला बोलते हैं। भीम सिंह जैसे लोक पैसे के लिए मुझे बुरा भला बोलते हैं। ‘हम इंसान खराब नहीं, वक्त खराब था, जो सब खत्म कर गया।
पुलिस, सरकार और धरती के हर व्यक्ति से एक मांग है कि मेरे परिवार को प्लीज सपोर्ट करना। उनको न कुछ पता है। न उनके पास पैसा नहीं है। प्लीज कोई परेशान मत करना। हो सके तो कोई थोड़ी बहुत मदद कर देना।’