पुणे: महाराष्ट्र के पुणे से गैंगरेप का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां 14 साल की नाबालिग से 13 लोगों ने बारी-बारी से 48 घंटे तक रेप किया। आरोपी उसे पुणे से मुंबई तक ले गए, जहां एक रेलवे कर्मचारी ने भी उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। इस मामले में पुणे पुलिस ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें बच्ची का एक दोस्त, रेलवे के दो कर्मचारी और 11 ऑटोरिक्शा ड्राइवर शामिल हैं। फिलहाल बच्ची का इलाज पुणे के एक हॉस्पिटल में जारी है।
दोस्त से मिलने मुंबई रेलवे स्टेशन जा रही थी नाबालिग
इस मामले की जांच करने वाली ऑफिसर DCP नम्रता पाटिल ने बताया कि घटना की शुरुआत 31 अगस्त की रात साढ़े 10 बजे हुई। पुणे में अपने माता-पिता के साथ रहने वाली नाबालिग ने अपने दोस्त के साथ चंडीगढ़ जाने का प्लान बनाया था। उसके दोस्त ने उसे मुंबई रेलवे स्टेशन पर मिलने के लिए कहा। वह अपने घर से ऑटो में बैठकर पुणे रेलवे स्टेशन पहुंची। जहां एक ऑटो चालाक उसे ये कहकर स्टेशन के बाहर ले आया कि उसे उसका दोस्त बुला रहा है। नाबालिग ऑटो चालक की बात को सही मानकर उसके साथ बाहर चली गई। उसने नाबालिग को पानी पिलाया, ज्सिके बाद वह बेहोश हो गई।
बारी-बारी से करते रहे दुष्कर्म, कपड़े मांगती रही नाबालिग
नाबालिग के बेहोश होने के बाद सबसे पहले ऑटो चालाक ने सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ रेप किया। इसके बाद उसने फोन कर कुछ और लोगों को बुला लिया और बारी-बरी से हैवानियत की। आरोपियों ने उसे बिना कपड़ों के एक कमरे में बंद करके रखा था। हर कुछ घंटे के बाद एक नया शख्स आता और नाबालिग के साथ दुष्कर्म करता। पीड़िता लगातार खाने और पहनने के लिए कपड़े मांगती रही लेकिन किसी को भी उस पर दया नहीं आई।
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अलग-अलग ज्ग्घ ले जाकर किया दुष्कर्म
नाबालिग ने रेप करने के बाद ऑटो ड्राइवर ने उसे अपने दोस्त का सौंप दिया। वह उसे एक होटल में ले गया , जहां तीन अन्य लोगों ने उसके साथ बारी-बारी से रेप किया। अगले दिन भी इसी होटल में चार और लोगों ने पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया। फिर आरोपी लड़की को लेकर एक रूम में गए और वहां भी कई बार उसके साथ रेप किया। 12 आरोपियों ने लड़की से साथ पुणे के विश्रांतवाड़ी, विमान नगर, कोंढवा और कुछ अन्य स्थानों पर रेप किया।
मुंबई रेलवे स्टेशन पर कर्मचारी ने भी किया दुष्कर्म
पुणे में तबीयत बिगड़ने के बाद एक आरोपी उसे बस से लेकर मुंबई के दादर पहुंचा और उसे रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर तैनात एक रेलकर्मी को सौंप दिया। इस रेल कर्मचारी ने भी कमरे में ले जाकर उसके साथ रेल किया और फिर उसके दोस्त को बुला उसे सौंप दिया। इसके बाद दोनों एक ट्रेन से मंगलवार को चंडीगढ़ स्टेशन पहुंचे। वहां बच्ची को गंभीर हाल में देख GRP के कुछ लोगों उन पर शक हुआ। कुछ देर की पूछताछ के बाद उन्हें प्रोजेक्ट डारेक्टर चाइल्ड लाईन को सौंप दिया गया।
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पुरुषों को देखकर डर रही है पीड़िता
बच्ची के पिता ने बाताया कि बच्ची इतनी डरी हुई है कि वह एक कोने में बैठ कर सिर्फ रोती रहती है। वह बयान लेने वाले पुलिसकर्मियों से भी सही ढंग से बात नहीं कर पा रही है। वह जरा सी आवाज से डर जाती है और अपने आस-पास किसी पुरुष को देख घबरा जाती है। पिता ने बताया कि बच्ची का सपना बड़े होकर एक बड़ा अफसर बनने का था, लेकिन अब उसका सब कुछ खत्म होता नजर आ रहा है। वह बार-बार घर जाने की बात कहती है।