शराब सिंडिकेट से 9 आहाते हथियाकर 20 लाख रुपए महीने कमाता था गुंडा सतीश भाऊ

0
1937

satish bhauइंदौर: इंदौर में शराब ठेकेदारों के बीच हुए गैंगवार (gangwar) के तीन दिन पहले से कुख्यात गुंडा सतीश भाऊ (satish bhau) शहर में सक्रिय था। इस दौरान वह बेखौफ होकर शराब कारोबारियों से मिलता और उन नौ शराब आहातों पर बेरोकटोक अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता रहा जो उसने अपने आतंक के बल पर शराब सिंडिकेट से लिए थे। इन आहातों से सतीश 20 लाख रुपए महीने कमाता था।‌‌  वारदात के पहले सतीश अपनी गैंग के लोगों से मिलता रहा। इतना ही नहीं, वह इंदौर के आसपास के क्षेत्रों में बेखौफ घूमता रहा। इसे पुलिस के खुफिया तंत्र की बड़ी नाकामी भी माना जा रहा है।

ये भी पढ़ें- इंदौर में शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर को दिनदहाड़े गोली मारी, कुख्यात गैंगस्टर सतीश भाऊ की मौजूदगी में हुआ हमला

ख़ास बात तो ये है कि गुंडा सतीश भाऊ शनिवार को उज्जैन (ujjain) महाकाल मंदिर भी पहुंचा था। वहां सुरक्षाकर्मियों ने मंदिर की सुरक्षा को ठेंगा दिखाते हुए उसे एग्जिट गेट से मंदिर में प्रवेश करवाया। करीब आधे घंटे वह महाकाल मंदिर (mahakal temple) में रहा।

ये भी पढ़ें- इंदौर में शराब ठेकेदारों का गैंगवार, वर्चस्व की लड़ाई में अर्जुन ठाकुर को गोली मारी

सवाल यहां पुलिस की भूमिका पर भी उठ रहे है क्योकि वह बिना नंबर की काली गाड़ी में घूमता रहा लेकिन किसी भी पुलिसकर्मी से उसे रोककर पूछताछ करने की हिम्मत तक नहीं की। इसे पुलिस के खुफिया तंत्र की नाकामी कहे या पुलिस की मिलीभगत, क्योकि कुख्यात गुंडा बिना नंबर की काली गाड़ियों में शहर और आसपास के क्षेत्रों में लगातार घूमता रहा और शासन-प्रशासन को खबर तक नहीं लगी।

ये भी पढ़ें- पुलिस ने गर्लफ्रेंड और घरवालों को उठाया, तो पेश हो गए सतीश भाऊ और चिंटू ठाकुर

इंदौर (indore) की नौ शराब दुकानों के आहाते भी यह शातिर बदमाश संचालित कर रहा था और इसकी किसी को भनक नहीं लगी।‌ इन्हीं आहातों की आड़ में उसका इंदौर के शराब सिंडिकेट (liquor syndicate) से गठजोड़ था और इस सिंडिकेट के लिए वह लोगों को डराने धमकाने और उनके हित साधने का काम भी करता था। ‌ सतीश जिन नौ आहातों का संचालन करता है उन्हें सोमवार के घटनाक्रम के बाद इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने सील करवा दिया है। ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here