मरीजों की मौत के बाद बचे रेमडेसिविर इंजेक्शन की करते थे कालाबाजारी, दो मेल नर्स गिरफ्तार

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नई दिल्ली: बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ ही देश में जैसे-जैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरुरत बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ही इसकी कालाबाजारी भी चरम पर है। पुलिस ऐसे मामलों पर कार्रवाई भी कर रही है लेकिन ये बात तब और अत्यधिक असंवेदनशील लगती है जब कालाबाजारी करने वाले कोई और नहीं बल्कि मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर या नर्स होते हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली पुलिस ने एक्स्पोज किया है।

दिल्ली पुलिस ने महाराजा अग्रसेन अस्पताल के 2 मेल नर्स स्टाफ को गिरफ्तार किया है। ये लोग अस्पताल में इलाज के दौरान मर जाने वाले कोविड मरीजों के बचे हुए रेमेडेसिवर इंजेक्शन को 30 से 40 हजार में बाहर बेच रहे थे। दिल्ली पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया और दिल्ली की वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल स्टाफ ने पंजाबी बाग से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस ने इनसे 5 रेमडेसिवर इंजेक्शन भी बरामद किए हैं।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक सीक्रेट इन्फॉर्मेशन मिली थी कि धोमंती यशवंत नाम का एक शख्स रेमेडेसिवर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग कर रहा है, जिसके बाद वेस्ट दिल्ली की पुलिस टीम ने ब्रिटानिया चौक के पास से धोमंती यशवंत को पकड़ा। उसके पास से 2 रेमेडेसिवर इंजेक्शन बरामद किया गया। पूछताछ में धोमंती ने बताया कि वो पंजाबी बाग में बने महाराजा अग्रसेन अस्पताल में नर्स स्टाफ है और अस्पताल के ही एक नर्स स्टाफ दीपक के साथ मिलकर अस्पताल में कोरोना का इलाज करवाने के दौरान मर चुके लोगों बचा हुआ रेमेडेसिवर इंजेक्शन चुराते थे और फिर बाहर जरूरतमंद लोगों को 30 से 40 हजार में बेच देते थे।

धोमंती से पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने महाराजा अग्रसेन अस्पताल में रेड करके दीपक को भी गिरफ्तार कर लिया। दीपक की मारुति कार से भी दिल्ली पुलिस ने 3 रेमेडेसिवर इंजेक्शन बरामद किए।

 

 

 

 

 

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