देहरादून: उत्तरकाशी मर हो रही बर्फबारी के बीच एक बड़ा हादसा हो गया है। द्रोपदी का डांडा में हिमस्खलन की चपेट में आने से उत्तरकाशी स्थित नेहरु पर्वतारोहण संस्थान के 29 प्रशिक्षणार्थी बर्फ में फंस गए हैं। इस हादसे के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सेना की मदद मांगी, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि आठ लोगों को वहां से निकाला गया है। 21 लोग अभी भी वहां फंसे हैं।
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इस हादसे में कुछ पर्वतारोहियों की मौत की भी खबर है। उनकी मौत पर खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है। ट्वीट करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान द्वारा किए गए पर्वतारोहण अभियान में भूस्खलन के कारण जानमाल के नुकसान से गहरा दुख हुआ। अपने प्रियजनों को खोने वाले शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’
Deeply anguished by the loss of precious lives due to landslide which has struck the mountaineering expedition carried out by the Nehru Mountaineering Institute in Uttarkashi. My condolences to the bereaved families who have lost their loved ones. Okay 1/2
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 4, 2022
सीएम धामी ने जानकारी देते हुए बताया, ‘द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए NIM की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना है।’
द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए NIM की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 4, 2022
नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था। जिसमें बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व नौ प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे।