जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ करने लगा हेराफेरी, जब्त हुई 5 करोड़ की कारें

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इंदौर: पैसों के लालच ने एक इंजीनियरिंग छात्र को आरोपी बना दिया। एक वाहन चोर गिरोह का सरगाना देवेंद्र ठाकुर निजी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहा था। ज्यादा और जल्द पैसा कमाने के चक्कर में उसने तीसरे साल में ही इंजीनियरिंग छोड़ दी और हेराफेरी में लग गया। दो सालों तक वह ये काम करता रहा लेकिन अब पुलिस के हत्थे चढ़ गया है।

इंदौर के पास महू पुलिस ने वाहन चोर गिरोह को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह पहले वाहनों को किराए से लेता था फिर उनके फर्जी कागजात बनाकर उन्हें गिरवी रख देता था और फरार हो जाता था। पुलिस ने चार आरोपियों से 44 कारेब जब्त की है। इन कारों की कीमत करीब पांच लाख रूपये बताई जा रही है।

एसपी महेश चंद जैन ने बताया, इंदौर समेत महू के अलग-अलग थाना क्षेत्र से शिकायत मिली थी कि आरोपी देवेंद्र ठाकुर ने कई चार पहिया वाहन 22 से 30 हजार रूपये में किराए से लिए थे। गिरोह के लोग एक महीने में गाड़ी के फर्जी कागज बनाकर इन्हें अलग-अलग शहर में गिरवी रख देते थे। इसके बाद फरार हो जाते थे।

फरियादियों के मुताबिक़, उनके चार पहिया वाहन देवेंद्र ठाकुर व उसके साथी श्याम सुनेर , दीपक रघुवंशी और रितेश वर्मा द्वारा किराए पर लिए जाते हैं। इसका अनुबंध पत्र देवेंद्र सिह ठाकुर के नाम पर वाहन मालिक के साथ बनाया जाता है। टैक्सी के लिए किराए से देना और क्रमशः 30 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह का किराया तय होता है। इसके बाद, देवेन्द्र व साथियों द्वारा न तो गाड़ी के एवज में किराया दिया गया और न ही गाड़ी लौटाई। गाड़ियों को अन्य लोगों को वाहन मालिक के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज तैयार कर गिरवी रखा गया।

 

 

 

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