चित्रकूट गैंगवार: जेल वार्डर ने अंशु दीक्षित तक पहुंचाई पिस्तौल! सीसीटीवी फूटेज से पुलिस को शक

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चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट की जेल में हुए गैंगवार की जांच जारी है। इसी जांच में पुलिस के हाथ अहम सीसीटीवी फूटेज लगे है। इसके आधार पर शक के दायरे में आया जेल वार्डर अब पुलिस की रडार पर है। इसके साथ ही अब चित्रकूट पुलिस की जांच का दायरा फतेहगढ़ जेल में बंद सुनील राठी तक बढ़ने जा रहा है।

पुलिस सूत्रों की माने तो हासिल हुए सीसीटीवी फुटेज में जेल वार्डर जगमोहन वारदात से पहली रात यानी 13 मई की रात 9:20 पर काले कपड़ों में जेल के अंदर जाता दिखाई पड़ा है। इतना ही नहीं जगमोहन जेल की उस हाई सिक्योरिटी बैरेक के हाते में भी देर रात दिखाई पड़ा जहां पर अंशु दीक्षित बंद था।

सूत्रों का कहना है कि करीब 23 मिनट रुकने के बाद जगमोहन 9:46 पर जेल से बाहर निकल गया, जिसका सीसीटीवी भी पुलिस को मिला है। इस संबंध में ड्यूटी पर मौजूद जेल कर्मियों से पूछताछ की गई तो पता चला कोरोना संक्रमित जगमोहन ने जेल के बड़े गेट पर पहुंचकर साथी कर्मचारी से कहा कि तबीयत खराब है, डॉक्टर साहब को दिखाकर दवा लेनी है।

हालांकि, जेल के डॉक्टर ने जगमोहन के आने की तस्दीक नहीं की और ना ही दवा देने वाले लंबरदार ने जगमोहन के आने के बारे में कहा। यानी जगमोहन जेल के अंदर दवा लेने के बहाने तो गया लेकिन अस्पताल में ना जाकर हाई सिक्योरिटी बैरक के हाते की तरफ चला गया, जिसकी तस्दीक सीसीटीवी फुटेज में भी हुई है।

इतना ही नहीं 14 मई की सुबह जब अंशु दीक्षित ने गोली चलाना शुरु किया तो अंदर पुलिसकर्मी व पीएसी के जवान पहुंचे, तब भी जगमोहन वहां पर देखा गया। उस वक्त अंशु दीक्षित ने सिर्फ मुकीम काला की हत्या की थी। अन्य पुलिसकर्मियों ने बयान दिया है कि घटना के वक्त जगमोहन, अंशु दीक्षित से चिल्ला कर कह रहा था कि अंशु सरेंडर कर दो तुमको कुछ नहीं होगा।

गौरतलब है कि 14 मई को चित्रकूट जेल में मुकीम काला और मेराज की हत्या के बाद पुलिस एनकाउंटर में अंशु दीक्षित ढेर हुआ था। जेल के अंदर हुई इस वारदात में चित्रकूट पुलिस को 4 सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। चित्रकूट जेल के पहले गेट से लेकर हाई सिक्योरिटी सेल के हाते तक के सीसीटीवी में जेल वार्डर जगमोहन दिखाई पड़ा है।

 

 

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