कैशबैक और कैश रिवॉर्ड से सावधान…. पलक झपकते ही लग जाता है चूना

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भोपाल: साइबर अपराधियों ने अब ठगी का नया तरीका ढूंढ निकाला है। मध्यप्रदेश के भोपाल में कैश रिवॉर्ड और कैशबैक के नाम पर लोगों के साथ ठगी हो रही है। इन ठगी की वारदात से बचने के लिए साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों के लिए एडवाइजर जारी की है साथ ही अलर्ट भी जारी किया है। भोपाल साइबर क्राइम के साथ थानों में लगातार कैशबैक और कैश रिवॉर्ड के नाम पर ठगी की शिकायतें आ रही हैं।

साइबर क्राइम पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि साइबर ठग कैशबैक और कैश रिवॉर्ड नाम पर ठगी करने के लिए आपको फोन करते हैं। वह फोन पर बताते हैं कि आपके फोन पे, गूगल पे, पेटीएम और अन्य पेमेंट एप पर कैशबैक प्राप्त हुआ है। इसके लिए कंपनी से QR कॉर्ड भेजने की बात की जाती है। साइबर अपराधी बताते हैं कि इस QR कॉर्ड को स्कैन करने पर आपके खाते में भेजी गई राशि तत्काल आ जाएगी।

इसके बाद जैसे ही कोई व्यक्ति क्यूआर कोड को स्कैन करता है और यूपीआई पिन उसमें दर्ज करता है, तो आपके लिंक बैंक खाते से उतनी राशि निकल जाती है और आप कैशबेक के नाम पर ठगी के शिकार हो जाते हैं। साइबर क्राइम पुलिस में बताया कि किसी भी कैशबेक प्राप्त करने के लिए कभी भी यूपीआई पेन या पासवर्ड की जरूरत नहीं होती है इसलिए मैसेज ध्यान से पढ़कर ही पिन का इस्तेमाल करें।

इसके अलावा साइबर ठग आपको कैशबेक, लोन पास कराने, नौकरी दिलाने और अन्य लुभाने ऑफर के नाम पर लिंक भेजते हैं। वह उस लिंक से आपसे आपकी जानकारी फिल करवाते हैं। साथ ही कोई एप्लीकेशन जिसे ऐनीडेस्क, विवक सपोर्ट, टीम क्यूवर समेत अन्य मिरर ऐप एस्ट्रोल करवाते हैं।इस प्रकार के मिरर ऐप एस्ट्रोल कर आपके फोन के डिस्प्ले की सभी गतिविधियां देखते हैं और आपके द्वारा जो भी पासवर्ड, पिन दर्ज की जाती है, वह सायबर ठग को मिरर ऐप के जरिए दिखाई देती है। इसलिए किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर कोई भी ऐप डाउनलोड न करें।

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