नई दिल्ली: कोरोना काल में जेल में कैदियों की संख्या कम करने के लिए सरकार कुछ बंदियों को पैरोल पर रिहा कर रही है। पैरोल मिलते ही कैदी अपने घर चले गए लेकिन मेरठ की जिला जेल में बंद एक कैदी पैरोल मिलने पर अपने घर नहीं जाना चाहता। जेल के अधिकारियों के मुताबिक़ बंदी का कहना है कि वह जेल में ज्यादा सुरक्षित है।
मेरठ जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉक्टर बीडी पाण्डेय ने बताया कि उनके यहां एक बंदी ने पैरोल पर रिहा होने से इंकार किया है. उन्होंने बताया कि बंदी जेल में ज्यादा सुरक्षित और स्वस्थ महसूस कर रहा है. बंदी का भी यही कहना है कि जेल में रहकर वो अपनी सजा पूरी करना चाहता है. इस बंदी ने जिला कारागार प्रशासन को लिखकर दिया है कि वो पैरोल पर रिहाई नहीं चाहता है.
वरिष्ठ जेल अधीक्षक बीपी पांडे ने बताया कि शासन के आदेश पर 42 सिद्ध दोष बंदियों को पैरोल पर अब तक रिहा किया जा चुका है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक का कहना है कि एक आशीष नाम का दोषी बंद है। वह दहेज उत्पीड़न केस में सजायाफ्ता है। उसने पैरोल पर जाने से मना कर दिया है।
जब उससे पूछा गया कि सब लोग जा रहे हैं लेकिन वह क्यों नहीं जाना चाहता, तो कैदी आशीष ने कहा कि वह अपने आप को जेल में ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है। कैदी का कहना है कि यहां मेडिकल चेकअप की सुविधा है, सफाई और सैनिटाइजेशन है। समय पर सब दवा इलाज है। जेल में हर वक्त डॉक्टर मौजूद हैं। इन सब वजहों से ही दोषी आशीष ने कहा कि वह अपनी सजा पूरी कर के जाएगा।