लखनऊ: कोरोना की रोकथाम के लिए 2020 में जब देश में पहला लॉकडाउन लगा था तब अपराधों में कमी आई थी लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में अपराध बढ़े है। हत्या, रेप, डकैती, लूट और अफारह जैसी वारदातों में इजाफा हुआ है।
कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में 1 मई को लॉकडाउन लगा दिया गया था। प्रदेश में लगी इन पाबंदियों के बाद लोग घरों में कैद हो गए। पुलिस की सख्ती से चलते बाहर आना-जाना बंद हो गयी लेकिन बावजूद इसके रेप, डकैती, लूट और फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं बढ़ गईं।
डीजीपी मुख्यालय के आंकड़ों की माने 1 जनवरी से 15 मई की अवधि में बीते 3 सालों में हुए आंकड़ों पर नजर डालें तो इस दौरान में साल 2021 में चार श्रेणियों में अपराध बढ़े हैं। फिरौती के लिए अपहरण की वारदात में 63.64 फीसदी इजाफा हुआ। रेप के मामलों में 9.76 फीसदी, डकैती के मामलों में 7.41 फीसदी और लूट के मामलों में 0.64 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।
इस लॉकडाउन के दौरान हुए अपराधों के आंकड़ों पर नजर डाले तो अपहरण के 18, रेप के 787, डकैती के 29, लूट के 470, हत्या के 1129, दहेज़ मृत्यु के 676, और गृहभेदन के 2191 मामले सामने आए है।
वहीं, पिछले लॉकडाउन में अपराध के मामलों में कमी आई थी। उस दौरान अपहरण के 11, रेप के 717, डकैती के 27, लूट के 467, हत्या के 1162, दहेज़ मृत्यु के 770, और गृहभेदन के 2192 मामले सामने आए थे। एक जनवरी से 15 मई तक की अवधि के दौरान वर्ष 2019 में 1,19,029 मुकदमे, वर्ष 2020 में 1,20,492 मुकदमे और वर्ष 2021 में 1,18,135 मुकदमे दर्ज हुए हैं।