इंदौर के सरकारी कॉलेज की महिला प्रोफेसर के बैंक का केवायसी अपडेट करने के बहाने बैंक खातों से 33 लाख रुपए उड़ाने वाले झारखंड के शातिर ठग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ठग ने प्रोफेसर से ओटीपी पूछकर उसके खातों को दूसरे नंबर से जोड़ लिया था। इसके चलते उन्हें ठगी का पता नहीं चला और उसने एफडी पर लोन भी ले लिया था।
इंदौर की कन्या महाविद्यालय की प्रोफेसर को झारखंड के धनबाद में रहने वाले हरीश दास ने बैंक खाते का केवाएसी अपडेट करने के नाम पर मैसेज भेजा था। इसके बाद उनके खातों की डिटेल पूछकर दो बैंक खातों के नेट बैंकिंग की लाग इन आईडी क्रियेट की। मोबाइल फोन के नंबर चेंज किए और खातों से 33 लाख रुपए निकाल लिए। बैंक खातों से पैसा निकालने का मैसेज प्रोफेसर को नहीं मिला था, इसलिए वे कई दिन बाद जब बैंक गई तो खाते में पैसा नहीं होने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच को 33,42,000 की धोखाधड़ी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। साइबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद जांच की गई। इसमें सामने आया कि झाारखंड के धनबाद के हरीश दास ने प्रोफेसर के साथ साइब्रर क्राइम को अंजाम दिया था।
इंदौर से निरीक्षक राशिद अमहद के नेतृत्व में एक टीम धनबाद भेजी गई थी। जहां पता चला कि आरोपी अपनी बहन की गोद भराई की रस्म में शामिल होने के लिए बोकारो गया था। पुलिस ने बोकारों से धनबाद आने वाले सभी रास्तों में टीम को तैनात किया और रास्ते में उसे धर दबोचा। हरीश ने बताया कि उसे फर्जी खाते दूसरे आरोपियों से आठ हजार रुपए में खरीदे थे। इसके बाद उन्हें बल्क मैसेज भेजे थे। इनमें से एक मैसेज इंदौर की महिला प्रोफेसर का था। उन्होंने मैसेज का जबाव दिया और उसने उनसे ठगी कर ली। आरोपी ने बताया कि एसबीआई के योनो एप के जरिए उसे प्रोफेसर की एफडी का पता चला था, इस पर उसने लोन लेकर पेटीएम वालेट से पैसा ट्रांसफर कर दिया था।बतयै जा रहा है कि आरोपी बीए पास है। आरोपी से पुलिस ने चार सिम, दो मोबाइल और तीन लाख पचास हजार रुपए बरामद किए हैं।