नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में एक इंजीनियर ने बीमारी से परेशान होकर मुंह में नाइट्रोजन गैस भरकर आत्महत्या कर ली। ख़ुदकुशी के लिए उन्होंने बेहद की डरावना रास्ता चुना। इंजीनियर ने नाइट्रोजन गैस के सिलेंडर का पाइप मुंह में लिया और फिर चेहरे को पॉलीथिन से बांधकर घटना को अंजाम दिया। दो दिन तक दरवाजा नहीं खुला तो मामले का खुलासा हुआ।
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मध्यप्रदेश में नर्मदापुरम नगर पालिका के सब इंजीनियर चेतन भुमरकर बीमारी से परेशान थे। इसके चलते उन्होंने नाइट्रोजन गैस के सिलेंडर का पाइप मुंह में लिया और फिर चेहरे को पॉलीथिन से बांधकर आत्महत्या कर ली। दो दिन तक दरवाजा नहीं खुला तो खाना बनाने वाली महिला ने रूम पार्टनर और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़ा और अंदर घुसी तो हैरान रह गई।
मृतक चेतन का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और मुंह पॉलिथीन से पैक था। चेतन के रूम पार्टनर लखन ने बताया कि पिछले महीने ही चेतन के साथ रहने आया था। शनिवार को चेतन ने उसे रिश्तेदार आने की बात कहकर गांव भेज दिया था। रविवार को सुबह और दोपहर में खाना बनाने वाली आंटी का कॉल आया कि दरवाजा अंदर से बंद है। आज फिर उन्होंने मुझे कॉल किया, मैं आया। पड़ोंसियों को जानकारी दी। पुलिस को बुलाकर दरवाजा खुलवाया। अंदर का दृश्य देख हैरान हो गया।
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मृतक के पास से एक पेज का सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने लिखा, मैं चेतन भुमरकर नगर पालिका में उपयंत्री हूं। मैं बीमारी से परेशान हूं, जिस कारण मैं अपना कार्य पूरी तरह से कर नहीं पा रहा। मेरी मृत्यु के बाद मेरे परिवार या किसी को भी परेशान मत करना। मैं स्वेच्छा से आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मृत्यु की सूचना मेरे मामा सुधाकर नागले, मौसी शांति बाईकर, भैया राजेंद्र गुजरे, जीजाजी पंचम चौरसिया को दे देना। नाम के साथ ही सभी के मोबाइल नंबर लिखे हैं।
मृतक चेतन भुमरकर बैतूल का रहने वाला था और मैकेनिकल इंजीनियर था। उनके ममेरे भाई ने बताया चेतन के माता-पिता का देहांत हो चुका है। छोटी बहन है, जो इंदौर में पढ़ रही है। चेतन नगर पालिका नर्मदापुरम की जल प्रदाय शाखा में बतौर सब इंजीनियर पदस्थ थे। वे बंजारा हिल्स पर नर्मदा परिसर के फ्लैट नंबर 2 में किराए से रहते थे। चेतन कुछ समय से बीमार चल रहे थे, जिसका इलाज वे इंदौर से करा रहे थे।