खरगोन: रामनवमी पर खरगोन में हुई हिंसा में घायल शिवम को अभी तक होश नहीं आया है। वह अभी भी अस्पताल में मौत से संघर्ष कर रहा है। दूसरी ओर शिवम की बहन की तीन दिन बाद शादी है लेकिन शिवम की हालत देखते हुए परिवार में गम का माहौल है। परिजन उसके होश में आने का इंतजार कर रहे है। शिवम को सिर में गहरी चोट आई है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
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शिवम के रिश्तेदारों के मुताबिक़, शिवम के पिता किसान है और परिवार खरगोन से 100 किलोमीटर दूर निसरपुर में रहता है। शिवम की दो बड़ी बहनें है। वह खरगोन में अपने मामा सुरेंद्र जोशी के घर रहकर आईटीआई से कम्प्यूटर साइंस में डिप्लोमा कर रहा है। रामनवमी पर शिवम भी शोभायात्रा में शामिल था और उसी समय वहां हिंसा भड़क गई।
रिश्तेदारों के मुताबिक, जब वहां उपद्रव हो रहा था तो उस दौरान पथराव के साथ पेट्रोल बम भी फेंके जा रहे थे। इस दौरान गोलियां भी चली और पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस दौरान शिवम लहूलुहान होकर गिर पड़ा। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। उसकी गंभीर हालत देख डॉक्टर्स ने उसे इंदौर रेफर कर दिया। शिवम के सिर में गहरा गड्ढा हो चुका था। इंदौर लाते समय वह बेहोश हो गया था, जिसके बाद उसे अबतक होश नहीं आया है।
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इंदौर में हुई तमाम जांचों के बाद डॉक्टर ने बताया कि उसके सिर में गहरा घाव है। चोट इतनी गहरी है कि सिर की कुछ हड्डियां टूटकर ब्रेन में चली गई। इसके साथ ही कुछ बारीकी सी सामग्री भी ब्रेन में पहुंची, जिसे ऑपरेशन कर निकाला गया है। वह रात से ही वेंटिलेटर पर है तथा अभी होश नहीं आया है।
इधर, शिवम की एक बहन की शादी 17 अप्रैल को है जिसकी तैयारियां चल रही थी। निमंत्रण कार्ड भी बांटे जा चुके हैं। इस बीच इस हादसे के बाद परिजन व रिश्तेदार उसके जल्दी अच्छा होने का इंतजार कर रहे हैं। परिजन का कहना है कि अभी भी खरगोन के हालातों को सामान्य नहीं कहा जा सकता। कुछ उपद्रवियों की मंशा अभी भी हिंसा फैलाने की है और इसके लिए वह पूरी तरह तैयार भी है।