इंदौर: इंदौर पुलिस ने एक वाहन चोर गैंग को पकड़ा है। ये गैंग अलग-अलग इलाकों से गाड़ी चुराता था, फिर गिरोह का सरगना बैंक का सीज अधिकारी बन ग्राहक ढूंढता और गाड़ी बेच देता था। उसके पास एक मस्टर चाबी मिली है, जिससे वह पलक झपकते ही वाहन गायब कर देता था। पुलिस ने आरोपी के पास से 4 लाख रुपये के वाहन जब्त किए है। आरोपी वारदात से पहले भांग का पशा करता था। फिर वारदात को अंजाम देने के बाद शराब पीकर जश्न मनाता था।
ये भी पढ़ें- महिलाओं और युवती के बीच विवाद, जमकर चले लात-घूंसे
डिलीवरी बॉय से बना गिरोह का सरगना
पुलिस ने बताया कि आरोपी दीपक भावे कुछ समय पहले स्विगी में फ़ूड डिलीवरी करने का काम करता था। इस दौरान उसने कई ऐसे इलाके और गाड़ियों की ऐसी जगह देख ली थी, जहां से गाड़ियों को आसानी से चुराया जा सकता था। आमदनी कम होने के कारण उसने गाड़ी चोरी करना शुरू कर दिया। उसने 1 साल में 30 से अधिक बाइक चोरी कर बेच दी
पार्किंग में रख देता था गाड़ी
आरोपी ने पुलिस को बताया कि फ़ूड डिलीवरी के कारण उसे इंदौर के अधिकतर इलाकों की जानकारी थी। ऐसे में वह गाड़ी चोरी करके कभी किसी बड़े मॉल की पार्किंग कभी अस्पताल और कभी पेड पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर देता था। उसके बाद बैंक का सीजिंग अधिकारी बनकर ग्राहकों को तलाश लेता था।
ये भी पढ़ें- युवक को अगवा कर बेरहमी से पीटा, चेहरे पर गंदगी कर गुप्तांग को पहुंचाया नुकसान
4-5 हजार में बेच देता था गाड़ी
चोरी करने के बाद उसे कई बार डिक्की से गाड़ी के पेपर की फोटोकॉपी का ओरिजिनल कागज मिल जाते थे। वह बैंक का सीज अधिकारी बनकर ग्राहकों की तलाश करता था। इससे वो लोगों को बैंक द्वारा जब्ती की गाड़ी बताकर झांसे में ले लेता था। महज 4 से 5 हजार में गाड़ी बेच कर वो उस इलाके में दोबारा नहीं आता था।
आरोपी के पास एक मास्टर चाबी
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके पास एक मास्टर चाबी है, जिसकी सहायता से वो दो पहिया वाहन के ताले खोल लेता है। आरोपी गाड़ियों की रैकी के दौरान उसका की होल देखता था। पुराने लॉक होने के बाद किसी भी गाड़ी का लॉक ऊपर से देख आरोपी दीपक पहचान जाता था कि यह उसका शिकार है।