बालाघाट: नकली नोटों के खिलाफ मुहीम में बालाघाट पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बालाघाट पुलिस ने नकली नोट की बड़ी खेप पकड़ी है। पुलिस ने पांच करोड़ के नकली नोट के साथ 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस इन रुपयों का नक्सलियों से कनेक्शन भी तलाश रही है। बालाघाट पुलिस ने महाराष्ट्र की गोदिया पुलिस के साथ मिलकर ऑपरेशन चलाया था, जिसमें ये नोट पकड़ाए है। आरोपी अंधविश्वास की आड़ में इन नकली नोटों को ग्रामीण इलाकों में खपाने की फिराक में थे।
लोगों को शक था कि यह नकली नोट हो सकते हैं. इस सूचना के आधार पर टीम ने जांच शुरू की तो पता चला कि एक गिरोह ग्रामीणों को अंधविश्वास के जाल में फंसाकर नकली नोट खपाने की फिराक में हैं। आरोपी गांव के लोगों को झांसा दे रहे थे कि नोटों को पूजा की जगह पर दो महीने तक रखने के बाद ये दोगुने हो जाएंगे।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि बरामद नकली नोट में 2 हजार से लेकर 10 रुपये तक के नोट हैं। पकड़ाए गए आरोपियों में 6 बालाघाट और 2 गोंदिया के निवासी हैं। नोटों के कागज की क्वालिटी और नोट में प्रिंटिंग मिस्टेक के कारण नोट साफ फर्जी नजर आ रहे हैं। इस मामले में पुलिस को और संदेहियों का पता चला है, जिसकी जांच हो रही है।
पुलिस के मुताबिक, पिछले लंबे समय से नकली नोटों की शिकायतें मिल रही थीं। पता चला था कि कोई बड़ा गिरोह बाजार में नकली नोट खपा रहा है। ये गिरोह बालाघाट और महाराष्ट्र के गोंदिया सहित अनेक जगहों पर सक्रिय था और यहीं के बाजारों को निशाना बना रहा था। सूचना मिलते ही पुलिस ने प्लान बनाया और छापा मारा। छापे के दौरान 6 आरोपी बालाघाट और 2 गोंदिया से मिले। उनके पास उस वक्त 5 करोड़ के नकली नोट थे।
पुलिस के मुताबिक, इससे जुड़े अन्य लोगों को भी जल्द हिरासत में लिया जाएगा। इस घटना का नक्सली कनेक्शन भी सामने आ रहा है। अंदेशा है कि शायद नक्सलियों तक भी यह नकली नोट पहुंचे होंगे। पकड़े गए आरोपियों में राहुल मेश्राम ,अनंतराम हरिराम ,नन्हू लाल विश्वकर्मा, सोहनलाल बिसेन, हेमंत उके, मुकुरु उर्फ मुकेश तवाड़े राम और रामेश्वर मौजे शामिल हैं।