लखनऊ: उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन कांड में बड़ा खुलासा हुआ है। मामले की जांच में एजेंसियों को पता चला है कि केंद्र सरकार के बाल औऱ महिला कल्याण विभाग का एक अधिकारी भी आरोपियो की मदद करता था। यह अधिकारी मंत्रालय में आने वाले गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर आरोपियों को देता था कि इनमें कौनसे लोग आसानी से उनके जाल में फंस सकते है।
इसके अलावा अब तक की जांच में एजेंसियों को विदेशी फंडिंग के भी सबूत मिले है, ज्सिमें सबसे ज्यादा पैसा पाकिस्तान से आया था। साथ ही इस मामले मे दूसरे संगठन की भूमिका की भी जांच की जा रही है। यह संगठन भी दिल्ली में ही है और इसके प्रमुख को कन्वर्जन का खलीफा के नाम से जाना जाता है।
जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि अब जांच एजेंसियां इस अधिकारी से पूछताछ की तैयारी कर रही है कि यह अधिकारी इन लोगों की मदद पैसे लेकर करता था या फिर वो भी इस रैकेट का हिस्सा था, क्योंकि यह अधिकारी भी पहले हिंदू था जो इस मामले में गिरफ्तार आरोपी उमर गौतम की तरह बाद में धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बन गया था।
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों के पास ऐसे अनेको दस्तावेज हैंस जिनमे देश विदेश से आए डोनेशन की जानकारी है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि इनमें कितना डोनेशन संदेहास्पद है। यानि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर डोनेशन दिया गया हो। जांच एजेंसियां इस मामले मे ईडी और आयकर विभाग की भी मदद लेने जा रही हैं।
जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब दूसरे संगठन की भूमिका भी खुलकर सामने आ गई है। लिहाजा उस संगठन के प्रमुख की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। इस संगठन के प्रमुख को कन्वर्जन का खलीफा कहा जाता है और इसका मुख्यालय भी इस मामले में गिरफ्तार उमर गौतम के कार्यालय के पास दिल्ली में ही है।