अरविंद तिवारी
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के नोएडा से धर्मांतरण रैकेट के खुलासे के बाद इसकी जांच शुरू हो गई है। धर्मांतरण मामले में विदेशी फंडिंग की भी जांच शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक़, चंदे के रूप में विदेशी फंडिंग हुई है। कुल रकम का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान और कुछ अन्य गल्फ देशों से आया था। इतना ही नहीं मनी ट्रेल का ISI से लिंक की तलाश में भी भारतीय एजेंसियां जुट गई है।
जांच एजेंसियां उन अकाउंट की पहचान करने में जुटी, जिनमें विदेशों से ये पैसा आया। इस बीच यूपी में धर्मांतरण की साजिश को लेकर योगी सरकार बेहद सख्ती के मूड में है। सरकार ने गैंगस्टर एक्ट से लेकर एनएसए तक में कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जरुरत पड़ने पर आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
एक दिन पहले सरकार ने खुलासा किया था कि यूपी में नोएडा और दूसरी जगहों पर धर्म बदलने का खेल चल रहा था। धर्मांतरण के रैकेट का खुलासा करने के साथ ही यूपी एटीएस ने दो मौलाना को भी गिरफ्तार किया था। आरोप है कि इस रैकट ने अब करीब एक हजार से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया। इसमें मुसीबत के मारे लोग, महिलाएं और मूक बधिर बच्चे तक शामिल हैं।
धर्म परिवर्तन के इस काले खेल में शामिल मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी दिल्ली में रहते थे। पुलिस का कहना है कि ये दिल्ली से सटे आसपास के लोगों को अपनी साजिश का शिकार बनाते थे। कुछ लोगों को इसकी करतूतों का पहले ही पता तो लग गया था और अब गिरफ्तारी के बाद वो इनके काले कारनामों का खुलासा कर रहे हैं।