गोरखपुर: गोरखपुर पुलिस इन दिनों कानपुर के व्यापारी को पीट-पीटकर मार डालने के आरोपों की वजह से विवादों में घिर गई है।मामले में रामगढ़ताल थाने के इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया गया है वहीं इस केस को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मामले में आरोपी इंस्पेक्टर और पर पहले भी custodial death का आरोप लग चुका हैं। फिलहाल, सभी आरोपी फरार हैं।
दरअसल पूरा मामला यह है कि अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर के रामगढ़ताल इलाके में स्थित होटल ठहरे प्रॉपर्टी व्यवसायी मनीष गुप्ता की सोमवार की आधी रात को पुलिस की पिटाई की वजह से मौत हो गई थी। मनीष गुप्ता के दोस्त हरदीप और प्रदीप ने पुलिस पर ज्यादती और जानलेवा मारपीट का आरोप लगाया है।मनीष के साथ यह दोनो दोस्त भी उसी होटल में ठहरे हुए थे।घटना के साक्षी यही दोनो है।
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पुलिस पर आरोप यह भी है कि पिटाई के बाद मौत होने पर पुलिस ने शव को करीब डेढ़ घंटे तक छिपाए रखा। पिटाई के बाद तबियत बिगड़ने पर पुलिसवाले मनीष को पहले एक प्राइवेट हास्पिटल में ले गए और वहां से हालत गंभीर बताकर मेडिकल कालेज ले गए। इस बीच मनीष की मौत हो गई।पुलिस ने चुप चाप शव को मर्चुरी में रखवा दिया।
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अब मामले में एक सनसनीखेज एक हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें गोरखपुर के डीएम विजय किरण आनंद और एसएसपी डॉ. विपिन टाडा बीआरडी मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी के अंदर बंद कमरे में मनीष के परिवार से मान-मनव्वल कर रहे हैं। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह अधिकारी अपने नाकाम और निर्दयी पुलिसवालों को बचाने का प्रयास कर रहे है।वीडियो में अधिकारी समझा रहे हैं कि किस तरह से पुलिसवालों का परिवार बर्बाद हो जाएगा, वह एफआईआर न करें। उन्हें नौकरी का प्रलोभन भी दिया जा रहा है, लेकिन मृतक की पत्नी मौत के बदले मौत की सजा की बात पर अड़ी हुई हैं। वीडियो में यह कहते सुना जा सकता है कि मुकदमें तो लंबे समय तक चलते हैं। उन्हें न्याय नहीं मिल पाएगा।