इंदौर: इंदौर के छोटी ग्वालटोली थाना पुलिस ने कल नागपुर के व्यापारी रोहित अग्रवाल के अपहरण के मामले में बड़ा खुलासा कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले का खुलासा होने के बाद खुद थाने के पुलिसकर्मी उसी वक़्त हैरान हो गए जब उनको इस कांड में दो पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की बात पता चली। इस पूरे कांड के मास्टरमाइंड आशीष गुर्जर के दोस्त विनोद मौर्य अवदेश सिंह, अनूप पांडे, प्रिंस,चेतन और एक अन्य का क्षिप्रा थाने का प्रधान आरक्षक शैलेंद्र सिंह चंदेल और लाखन हाड़ा ने रोहित की किडनैपिंग में आरोपियों का साथ दिया।
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और तो और कार में जब रोहित को किडनैप किया गया तो लखन हाड़ा भी अपहरण करने वालो के साथ ही था। उल्टा उसने खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर रोहित को नाम ना बताने के लिए भी धमकाया लेकिन व्यापारी ने आरोपियों के चंगुल से छूटकर पूरी कहानी जब पुलिस को बताई तो अधिकारियों के भी होश उड़ गए।
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पकड़े गए आरोपियों में से एक विनोद ने बताया कि शिप्रा थाने के प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र सिंह चंदेल से अपहरण में मदद मांगी थी। 40 हज़ार रुपये में बात पक्की हुई थी। शैलेन्द्र पेशी पर सेंधवा गया हुआ था इसलिए उसने लखन को भेज दिया। फिरौती के बाद बापट पर दोनों ने अपने हिस्से के 40 हज़ार भी लिए और रवाना हो गए। लखन ने बताया कि गिरोह में शामिल आरोपित विनोद मौर्य व अवधेशसिंह शैलेन्द्र के मुखबिर है।
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मौर्य खुद को क्राइम करप्शन नामक संस्था का सदस्य बताता है। अवधेश के पास लाइसेंसी रिवाल्वर है और सेलिब्रिटी की सुरक्षा में तैनात होता है।दोनो पुलिसकर्मियों को जब अधिकारियों ने बुलवाया तो गिड़गिड़ाने लगे। वहीं यह बात सामने आ रही है कि खुलासे के वक़्त थाने पर फरियादी और आरोपियो से दोनो पुलिसकर्मियों का नाम नही लेने का दबाव भी बनाया गया लेकिन मामला गंभीर था इसलिए अधीकारियो ने भी अपने हाथ खींच लिए।फिलहाल पांचों आरोपियों के साथ दोनो पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है। वहीं 2 आरोपी अभी भी फरार है।