इंदौर: इंदौर शहर में बढ़ते हुए अपराधों के रोकथाम लेकर डीआईजी मनीष कपूरिया ने मंगलवार देर रात पुलिस कंट्रोल रूम में सभी थाना प्रभारियों, सीएसपी व एएसपी सहित समस्त पुलिस अधिकारियों की मीटिंग ली। डीआइजी ने इस बैठक में कई थाना प्रभारियों को फटकार लगाई है। बाणगंगा थाना प्रभारी राजेंद्र सोनी को डीआईजी ने बैठक में फटकार लगाते हुए कहा कि तुम्हारे कारण पूरे देश में इंदौर की बदनामी हुई है, तुमने इंदौर को और पुलिस को शर्मिंदा कर दिया है।
दरअसल पिछले दिनों शहर में हुए चूड़ी वाले की पिटाई के मामले में बाणगंगा थाना प्रभारी की लेटलतीफी व जानकारी की कमी के कारण पूरा मामला उलझ गया था। चूड़ी वाले की पिटाई के बाद जब एक समुदाय द्वारा सेंट्रल कोतवाली थाना घेरा गया था तब वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में चूड़ी वाले कि पिटाई का पूरा मामला आया था। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने ताबड़तोड़ यह सूचना एकत्र की कि गलती कहां हुई थी। जिसमे बिट अधिकारी ने ड्यूटी चेंज होने के बाद सूचना टीआई तक नहीं पहुंच पाई थी। टीआई राजेन्द्र सोनी ने भी इस मामले में स्टाफ से कोई जानकारी ली और न ही मामले को गम्भीरता से लिया था । इस घटना के बाद पूरे देश में इंदौर का वीडियो वायरल हुआ था। जिसके कारण कई दिनों तक प्रदेश सहित इंदौर में अराजकता की स्थिति बनी रही।मामले में सीधे केंद्र ने हस्तक्षेप किया था।
डीआईजी अपराधो के ग्राफ को लेकर काफी नाराज थे। चंदन नगर थाना प्रभारी योगेश तोमर को मीटिंग में कहा कि आइए हम आपको आईना दिखाते हैं। आपके यहां अपराध नहीं हो रहे हैं या फिर थाने में आंकड़ों को दिखाया नहीं जा रहा है। वहीं शहर में दो हत्याओं के बाद डीआईजी बहुत नाराज थे।
संयोगितागंज थाना प्रभारी व सीएसपी को हत्या के बाद रिस्पांस टाइम में घटनास्थल पर ना पहुंचने पर भी फटकार लगाई है। क्योंकि रेसीडेंसी एरिया में कई अधिकारियों के बंगले हैं। वहीं घटना पश्चिम एसपी के बंगले से महज 300 मीटर की दूरी पर हुई थी। इस कारण डीआईजी ने संयोगितागंज थाना प्रभारी को भी फटकार लगाते हुए सही समय पर घटनास्थल पर पहुंचने की हिदायत दी।
रविवार रात हुए रामचंद्र नगर में हुए पान दुकान संचालक की हत्या के मामले में भी डीआईजी ने सम्बंधित अधिकारियों को जमकर डपटा।सम्भवतः यह बैठक रामचन्द्र नगर में हुए हत्याकांड और नशेड़ियों द्वारा मचाये गए उत्पात के कारण ही बुलाई गई थी।क्योंकि सरेराम बदमाशों द्वारा मचाये गए आतंक के कारण शहर भर में पुलिस की लापरवाही साफ नजर आ रही थी।वही घटना के कुछ देर बाद पश्चिम एसपी ने पल्ला झाड़ते हुए महिलाओं और राह चलते लोगो पर हमले की बात को ही नकार दिया था।जिसके बाद पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हुई थी।डीआईजी इस घटना के बाद से ही अधिकारियों और थाना प्रभारियों की कार्यप्रणाली से खफा चल रहे है।डीआईजी ने स्पष्ट शब्दों में सभी थाना प्रभारियों को ढंग से काम करने के को कहा है अन्यथा थाने से हटाने को कहा दिया है।