छतरपुर: मध्यप्रदेश के छतरपुर में छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक युवती को ट्रेन से फेंक दिया गया। युवती 15 मिनट तक खुद को बचाने के लिए संघर्ष करती रही लेकिन युवक ने उसे नहीं छोड़ा। वह उत्तर प्रदेश से बागेश्वर धाम आई थी और वापस अपने घर लौट रही थी। उस दौरान ट्रेन की बोगी में कोई नहीं था। जव युवक ने उससे छेड़छाड़ की तो वह इधर से उधर भागती रही। आखिर में युवक ने उसे धक्का दे दिया।
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दरअसल, उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली युवती हर मंगलवार बागेश्वर धाम हाजिरी लगाने आती है। इस मंगलवार उसकी आखिरी हाजिरी थी। वह हाजिरी लगाकर ट्रेन से वापस बांदा जा रही थी। जब वह ट्रेन में चढ़ी तो बोगी में कोई नहीं था। इस दौरान एक युवक बोगी में चढ़ गया और ट्रेन चलते ही उसने छेड़छाड़ शुरू कर दी और उसे ट्रेन से फेंक दिया। खजुराहो थाना क्षेत्र के केशीपुरा गांव के पास गिरकर युवती बेहोश हो गई। यहां गनमैन ने उसे देख लिया और पुलिस को सूचना दी। युवती को पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई है।
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युवती की आपबीती
‘मैं पिछले 9 माह से लगातार छतरपुर के बगेश्वरधाम आ रही हूं। पूरे 21 मंगलवार हाजिरी लगानी थी, जो इस मंगलवार को पूरी हो गई। बुधवार को ट्रेन से मैं अपने घर बांदा वापस जा रही थी। ट्रेन पूरी खाली थी, तभी स्टेशन से एक युवक बोगी में चढ़ा। जब तक ट्रेन खड़ी रही युवक कुछ नहीं बोला लेकिन ट्रेन चलते ही उसने अश्लील बातें करना शुरू कर दिया। मैंने ध्यान नहीं दिया, तो मुझे बुरी नीयत से चूने लगा। मेरे विरोध करने पर भी जब वह नहीं माना तो मैंने उसे थप्पड़ जड़ दिया।
वह जबरदस्ती करने लगा। मैंने खुद को छुड़ाया और दूसरे डिब्बे की तरफ भागी, वह भी खाली था। उसके बाद वाले डिब्बे में भी कोई नहीं था। उसने मुझे पकड़ लिया। मैंने उसकी उंगलियां चबा डालीं, जिससे खून बहने लगा। वह तिलमिला उठा और मुझे लात-घूंसों से मारना शुरू कर दिया। ट्रेन से फेंकने लगा। मैंने गेट के पाइप पकड़ लिए। बस मैं दुआ कर रही थी कि जल्दी स्टेशन आ जाए। 15 मिनट तक मैं उसकी मार झेलती रही। उसने मुझे जोरदार धक्का देकर ट्रेन से बाहर फेंक दिया। इसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं पता। शायद बेहोश हो गई थी।’