इंदौर: लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए इंदौर नगर निगम के अफसर विजय सक्सेना एक कमरे में रखी एक अलमारी से 10 लाख रुपए से ज्यादा नगद मिले हैं। सक्सेना और उसकी सहायक हिमानी वैद्य को लोकायुक्त टीम ने सोमवार दोपहर एक ठेकेदार से बिल पास करने की आवाज में ₹25000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।
उज्जैन निवासी सिविल कांट्रेक्टर धीरेंद्र चौबे की कंपनी रुद्र कंस्ट्रक्शन बिजासन मंदिर परिसर में पार्क विकसित कर रही है। इसी के कुछ बिल नगर निगम में पेंडिंग है, जिसे पास करने के लिए दोनों ने रिश्वत मांगी थी। जब धीरेंद्र चौबे ने अंतिम 9.50 लाख रुपये के बिल के मामले में जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना से बात की तो उन्होंने इसके बिल की राशि की 3% की रिश्वत मांगी।
जब वीरेंद्र ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की तो टीम ने योजना बनाई और धीरेंद्र ने विजय को ऑफिस में 25 हजार रुपये दिए। विजय ने ये पैसे अलमारी में रखने के लिए हिमारी को दिए। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने दोनों को पकड़ लिया।