बेटी की पढ़ाई के लिए पिता ने जुटाए थे पैसे, भाई ने हड़पे तो दे दी जान

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जबलपुर: मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक छात्रा पिता का सपना पूरा नहीं कर पाई तो मौत को गले लगा लिया। मरने से पहले उसने 6 पेज का सुसाइड नोट लिखा, जिसमें मौत के लिए उसने अपने भाई और भाभी को जिम्मेदार बताया है। युवती के पिता ने उसकी पढ़ाई के लिए 8 लाख रूपये जुटाए थे, जो उसके भाई-भाभी हड़प कर गए। पढ़ाई नहीं कर पाने और प्रताड़ना से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली।

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दरअसल, खितौला के रहने वाले प्रेमचंद गुप्ता किसान है। उन्होंने बेटी पलक ने बीए की पढ़ाई के बाद अफसर बनने की इच्छा जताई थी। इस पर पिता ने पैतृक संपत्ति बेचकर 8 लाख रुपये जुटाए थे। प्रेमचंद के इंदौर में रहने वाले भतीजे राजेश गुप्ता ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह पलक को MPPSC की कोचिंग करांगे। प्रेमचंद ने उसकी बात पर विश्वास कर उसे पलक की पढ़ाई के लिए 8 लाख रुपये दे दिए।

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पलक भी पढ़ाई के लिए इंदौर आ गई लेकिन यहां राजेश और उसकी पत्नी स्तुति ने अपनी सुख-सुविधा पर सारा पैसा खर्च कर लिया और उसका किसी कोचिंग में प्रवेश नहीं कराया। दोनों पलक को मानसिक और आर्थिक रुप से परेशान करने लगे। प्रताड़ना से तंग आकर पलक खितौला लौट आई। यहां 15 अप्रैल की रात उसने फांसी लगा ली।

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पुलिस को उसके पास से 6 पेज का सुसाइड नोट मिला। इस सुसाइड नोट में पलक ने आपबीती लिखते हुए चचेरे भाई राजेश व भाभी स्तुति को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने उसके भाई राजेश को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसकी भाभी स्तुति फरार है। उसकी तलाश जारी है।

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