इंदौर। भीकनगांव जनपद पंचायत के सीईओ राजेश बाहेती की खुदकुशी के मामले में भाजपा के तीन स्थानीय नेताओं की परेशानी बढ़ सकती है। यह तीनों नेता अपने सरकारी आवास में फांसी लगाकर खुदकुशी करने वाले बाहेती का सुसाइड नोट पुलिस के हाथ लगने के बाद से ही गायब हैं। इनके राजधानी भोपाल में डेरा डालने की सूचना है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ट्वीट ने इस मामले को और गरमा दिया है।
सूत्रों के मुताबिक दिवंगत सीओ के सुसाइड नोट में भीकनगांव जनपद अध्यक्ष रेखा बाई खतवासे, उपाध्यक्ष दुलीचंद बांके और भाजपा के मंडल अध्यक्ष सत्येंद्र चौहान द्वारा पैसे के लिए प्रताड़ित करने, मीटिंग में अपमानित करने तथा नियम विरुद्ध काम के लिए दबाव बनाने की बात का उल्लेख है। कुछ दिन पूर्व जब बाहेती इंदौर आए थे तब उन्होंने अपनी पत्नी से भी इसका उल्लेख करते हुए कहा था कि यह लोग उन्हें पैसे के लिए बहुत परेशान करते हैं और उल्टे सीधे काम के लिए दवा बनाते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ पेंडिंग काम निपटने के बाद वह नौकरी ही छोड़ देंगे। बाहेती के परिजनों का कहना है कि पुलिस को सुसाइड नोट के आधार पर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहिए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन तीनों नेताओं की जनपद पंचायत के कामकाज में जबरदस्त दखलअंदाजी है। बाहेती के पहले यहां पदस्थ सीईओ सविता आर्य भी इनसे बहुत परेशान थी।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ट्वीट ने इस मामले को और गरमा दिया है । ट्वीट में भी भाजपा के मंडल अध्यक्ष के साथ ही जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का उल्लेख है। उन्होंने कहा है कि इनके नाम आने के कारण मामला दबाने की आशंका है। यह तीनों शिवराज जी की शरण में चले गए हैं।